Haryana News : 2014 में हिसार लोकसभा सीट से कुलदीप बिश्नोई को हराकर इनेलो के दुष्यंत चौटाला सांसद बने थे। हालांकि उस समय कुलदीप बिश्नोई हंजका (हरियाणा जनहित कांग्रेस) पार्टी व भाजपा गठबंधन से चुनाव लड़े थे। राजनीति के जानकारों का कहना है कि उस समय कुलदीप बिश्नोई जाट समाज को लेकर की गई आपत्तिजनक टिप्पणी के कारण हार गए थे। फिलहाल कुलदीप बिश्नोई कांग्रेस पार्टी में हैं, उन्होंने कांग्रेस में हंजका का विलय कर दिया था।
2019 के चुनाव को लेकर कयास लगाए जा रहे हैं कि कुलदीप बिश्नोई खुद को मुख्यमंत्री की दौड़ में मानते हुए शायद लोकसभा का चुनाव न लड़े और उनकी जगह हिसार से उनकी पत्नी रेणुका बिश्नोई चुनाव लड़ सकती हैं। दूसरी तरफ राजनीतिक गलियारों में यह बात भी चल रही है कि उनके बेटे भव्य बिश्नोई हिसार लोकसभा सीट से चुनाव लड़ सकते हैं।
हरियाणा में कांग्रेस को अगर गैर जाट मुख्यमंत्री का चेहरा आगे करना पड़ेगा तो ऐसे में कुलदीप बिश्नोई सबसे बड़ा चेहरा होंगे। कांग्रेस भाजपा की गैर जाट वाली राजनीति के मुकाबले में यह राजनीतिक चाल चल सकती है। ऐसे में हुड्डा को राजनीतिक नुकसान होना तय है। कांग्रेस पहले किसी को भी चेहरा न बनाने की भी रणनीति बना सकती है। इन सब राजनीतिक हालातों को देखते हुए कुलदीप बिश्नोई का खुद चुनाव न लड़ना वाजिब भी ठहरता है।
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