केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल खट्टर और हरियाणा सीएम नायब सैनी। |
Haryana News: दिल्ली विधानसभा चुनाव के नतीजों के बाद हरियाणा के भाजपा नेताओं में जबरदस्त उत्साह है। यह पहली बार हुआ जब हरियाणा के नेताओं ने दिल्ली चुनाव में इतना सक्रिय मोर्चा संभाला और इसका असर भी देखने को मिला। मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी और पूर्व मुख्यमंत्री व केंद्रीय बिजली एवं शहरी विकास मंत्री मनोहर लाल खट्टर की रणनीति ने दिल्ली में भाजपा की जीत में अहम भूमिका निभाई।
‘नायब-मनोहर’ मॉडल को मिली सराहना
चुनावी प्रचार के दौरान हरियाणा सरकार के पिछले दस वर्षों की उपलब्धियों को प्रमुखता से दिल्ली के मतदाताओं के सामने रखा गया। भाजपा नेताओं ने ‘नायब-मनोहर’ मॉडल को दिल्ली में एक प्रभावी प्रशासनिक उदाहरण के रूप में प्रस्तुत किया, जिसे मतदाताओं ने सराहा। पहली बार पार्टी नेतृत्व ने अन्य राज्यों की तुलना में हरियाणा के नेताओं पर अधिक भरोसा जताया, जिसका मुख्य कारण हरियाणा विधानसभा चुनाव में भाजपा की लगातार तीसरी जीत थी।
हरियाणा की विकास योजनाएं बनीं चुनावी मुद्दा
पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर के कार्यकाल में हुए प्रशासनिक सुधार और डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन का असर दिल्ली चुनाव में भी देखने को मिला। ‘बिना पर्ची-बिना खर्ची’ नौकरी भर्ती प्रक्रिया, ऑनलाइन सेवाएं, परिवार पहचान पत्र के जरिए सरकारी योजनाओं का लाभ जैसी नीतियों को दिल्ली के लोगों के सामने रखा गया। नायब सरकार ने भी इन योजनाओं को जारी रखते हुए और विस्तार दिया, जिससे भाजपा को चुनावी बढ़त हासिल हुई।
रोजाना लिया जा रहा था फीडबैक
हरियाणा की अहम भूमिका को देखते हुए चुनाव प्रचार के बाद रोजाना फीडबैक लिया जा रहा था। पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर दिल्ली में रणनीतिक बैठकों का नेतृत्व कर रहे थे, जबकि मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने भी हरियाणा भवन में रोजाना बैठकें कर ग्राउंड रिपोर्ट लीं। प्रचार के दौरान आने वाली दिक्कतों को तुरंत दूर करने की रणनीति अपनाई गई, जिससे भाजपा की पकड़ मजबूत बनी रही।
हरियाणा पैटर्न पर लड़ा गया चुनाव
हरियाणा में भाजपा ने विधानसभा चुनाव के दौरान आक्रामक प्रचार किया था, जिसमें कांग्रेस की पिछली सरकार पर सवाल उठाए गए और अपनी उपलब्धियों को जनता के सामने रखा गया। इसी पैटर्न को दिल्ली चुनाव में भी अपनाया गया। आम आदमी पार्टी के 11 साल के कार्यकाल की तुलना केंद्र सरकार की नीतियों से की गई और ‘डबल इंजन’ सरकार का नारा दिया गया।
‘यमुना का जहरीला पानी’ बना बड़ा मुद्दा
चुनाव प्रचार के दौरान अरविंद केजरीवाल द्वारा हरियाणा पर यमुना के पानी को जहरीला बनाने के आरोपों को भाजपा ने पूरी तरह से खारिज किया। मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने इसे चुनावी मुद्दा बनाते हुए जनता को समझाने में सफलता पाई कि असल समस्या दिल्ली सरकार के कुप्रबंधन की वजह से है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी इस दलील और तथ्यों की सराहना की, जिससे भाजपा को मजबूती मिली।
नायब सिंह सैनी और मनोहर लाल खट्टर का बढ़ा कद
दिल्ली चुनाव के नतीजों ने नायब सिंह सैनी और मनोहर लाल खट्टर की साख को और मजबूत किया है। हरियाणा में ‘गुरु-शिष्य’ के रूप में पहचाने जाने वाले इन दोनों नेताओं ने संगठन में लंबे समय तक एक साथ काम किया है। मनोहर लाल खट्टर द्वारा मुख्यमंत्री पद छोड़ने के बाद नायब सिंह सैनी को जिम्मेदारी सौंपने का फैसला भी अब और अधिक सार्थक साबित हो रहा है।
दिल्ली चुनाव में हरियाणा के नेताओं की सक्रिय भागीदारी ने न केवल भाजपा की जीत को सुनिश्चित किया, बल्कि यह भी दिखाया कि हरियाणा के ‘मॉडल ऑफ गवर्नेंस’ को दूसरे राज्यों में भी अपनाया जा सकता है।